शिवेन्द्र के लिये हम क्यों नहीं बोलते? -मनोज कुमार भारतीय हॉकी टीम की कामयाबी से बौखलाये पाकिस्तान के दबाव में एक होनहार हॉकी खिलाड़ी को पहले तीन मैचों से और बाद में संशोधन कर दो मैचों के लिये निलंबित कर दिया गया। यह बेहद अफसोसजनक बात है। शिवेन्द्र का मनोबल तो गिरा ही है, साथ ही समूची भारतीय हॉकी टीम का मनोबल टूटा है। शिवेन्द्र की बात करें तो वे मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं और मध्यप्रदेश ने पिछले दिनों हॉकी को बदहाली से उबारने की सकरात्मक पहल की है, उसके बाद मध्यप्रदेश के खिलाड़ी के साथ ऐसा गैरवाजिब बर्ताव करना अफसोसजनक ही नहीं बल्कि निंदा के लायक है। बहरहाल, एक बात यह भी अफसोस करने लायक है वह यह कि मध्यप्रदेश के एक खिलाड़ी के साथ अनुचित कार्यवाही की गई लेकिन किसी ने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठायी। पूर्व ओलिम्पियन असलम शेरखां ने जरूर इस मामले में आवाज बुलंद की लेकिन कोई और उनका साथ देने सामने नहीं आया। यह पहला या अकेला मामला नहीं है जब मध्यप्रदेश ने खामोशी ओढ़ ली है। इसके पहले भी मध्यप्रदेश अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ खामोश खड़ा रहा है। मध्यप्रदेश का विभाजन हुआ और छत्तीसगढ़ को स्वतंत्र...
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