अपनों को याद करें हिन्दी पत्रकारिता में मध्यप्रदेश का योगदान शायद सबसे ज्यादा है। राजेन्द्र माथुर मील के पत्थर साबित हुए हैं। हाल ही में दिवंगत प्रभाष जोशी के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक, इंडिया टुडे के सम्पादक जगदीश उपासने, विष्णु खरे एवं अनेक नाम हैं जिन्हें मध्यप्रदेश ने कभी याद नहीं किया। राज्य शासन ने पिछले दिनों सक्रिय पहल कर इस दिशा में कुछ काम किया है किन्तु वह भी सम्मान और पुरस्कार बांटने तक। हम युवा पत्रकार साथियों ने राजेन्द्र माथुर स्मृति पत्रकारिता संस्थान की स्थापना की है और इसी के बैनर तले प्रयास आरंभ किया गया है कि देश भर में फैले मध्यप्रदेश के पत्रकारों की जीवनी एकत्र कर उसका दस्तावेजीकरण किया जा सके। मध्यप्रदेश से जुड़े पत्रकारों से अनुरोध है िकवे जिन्हें जानते हैं और जिनके उनसे सम्पर्क हैं, उनकी अधिकतम जानकारी हमें भिजवाने का कष्ट करें। साथ में उनकी तस्वीर भी। आपके इस सहयोग से हमारे प्रयासों को सार्थकता मिल सकेगी।htpp://mpreporete।blogspot.com मनोज कुमारसंयोजकराजेन्द्र माथुर स्मृति पत्रकारिता संस्थान, भोपाल
हिन्दी पत्रकारिता पर एकाग्र, शोध एवं अध्ययन का मंच