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नवंबर 27, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

sarkar ka din

२९ नवम्बर २०१० के लिये विशेष हमारे समय के रॉबिनहुड - शिवराजसिंह चौहान -मनोज कुमार- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इन दिनों वनवासी सम्मान यात्रा पर निकले हुए हैं। यात्रा का तीसरा दौर समाप्त हो चुका है और आने वाले उन्तीस नवम्बर तक पूरे प्रदेश में उनकी यात्रा पूरी हो जाए। वनवासी सम्मान यात्रा के दौरान उन्होंने शिद्दत के साथ परतंत्रता के दौर के रॉबिनहुड यानि जननायक टंट्या मामा को याद किया। उनकी यादों को स्थायी बनाने के लिये प्रयास कर रहे हैं। टंट्या मामा से लेकर आज तक का समय बदल चुका है। रॉबिनहुड यानि जननायक हर दौर में हुए हैं। कुछ को याद किया गया तो कुछ भुला दिये गये। टंट्या मामा उन लोगों में हैं जिन्हें भुला देने का अर्थ अपनी परम्परा को भुला देना है किन्तु बदलते समय में हमारे बीच जो जननायक हुए उन्हें भुला देना भी उचित नहीं होगा। अब सवाल यह है कि हमारे समय का कौन है जननायक? किसे हम रॉबिनहुड मानें और इसे मानने के पीछे का मापदंड क्या हो? सवाल कठिन है किन्तु जवाब बहुत मुश्किल नहीं। खासतौर पर उस दौर में सवाल का जवाब ढूंढ़ना मुश्किल नहीं है जब देश के सबसे बड़े और ह्दय प्रदेश मध्यप