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नवंबर 30, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

rajniti

जो जीता वहीं सिकंदर यानि अब नीतिश और सिर्फ नीतिश मनोज कुमार यह माना हुआ सच है कि जो जीता वही सिकंदर और इस अर्थ में इस समय नीतिश कुमार सिकंदर बन गये हैं। बिहार में उन्होंने जो तूफानी जीत हासिल की है उसने उन्हें भारतीय राजनीति का सिरमौर बना दिया है। भारतीय राजनीति, खासतौर पर क्षेत्रीय दलों के लिये वे नये रोल मॉडल के रूप में उभरे हैं। बिहार चुनाव जीतने में उन्होंने किस तरह की रणनीति अपनायी और वे उसमें सफल रहे, इस बात की मीमांसा की जा रही है। यह तो तय है कि ऐसी जीत बिहार में नीतिश कुमार को नहीं मिली होती तो आज उनका कोई नामलेवा नहीं होता और लालूप्रसाद यादव सिरमौर होते। कभी यही हाल लालू प्रसाद का हुआ करता था और उनकी लोकलुभावन शैली प्रादेशिक राजनीति की दिशा बदल दिया करती थी। भारतीय राजनीति में, खासतौर पर प्रादेशिक राजनीति में पिछले दो दशकों में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। एक समय था जब समूचे दलों के लिये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गुजरात के नरेन्द्र मोदी रोल मॉडल बन गये थे। उनके हिन्दुत्व का एजेंडा सबको लुभा रहा था। सत्ता के लिये हिन्दुत्व का कार्ड सहज और सरल रास्ता था। गुजरात के बा