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फ़रवरी 16, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय सिनेमा के सौ साल पर समागम का अंक

भारतीय सिनेमा के सौ साल पर समागम का अंक  भारतीय सिनेमा ने अपने सौ साल पूरे कर लिये हैं. यह अवसर न केवल भारतवर्ष बल्कि समूची दुनिया के लिये अविस्मरणीय समय है. हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि हम इस काल के साक्षी हैं. समागम का ताजा अंक भारतीय सिनेमा के सौ साल पर केन्द्रित है. समागम पूर्णकालिक द्विभाषी मीडिया एवं सिनेमा की शोध पत्रिका है. सन् 2012 में जब भारतीय सिनेमा ने सौ वर्ष में प्रविष्ट किया था तब समागम ने विशेष अंक का प्रकाशन किया था और अब जब भारतीय सिनेमा ने सौ वर्ष का सफर पूर्ण कर लिया है तब समागम भारतीय सिनेमा की पुरानी यादों और सिनेमा के विविध आयामों को केन्द्र में रखकर अंक का संयोजन किया है. 12 से 13 तक के एक वर्ष में समागम ने भारतीय सिनेमा के सौ साल के सफर की पड़ताल तो की थी, साथ में आंचलिक सिनेमा पर विशेष शोध सामग्री का प्रकाशन निरंतर किया है. आंचलिक जिसे आप भाषाई सिनेमा भी कहते हैं, के बिना भारतीय सिनेमा का सिंहावलोकन अधूरा ही रह जाएगा. इस विशेष अंक का सम्पादन वरिष्ठ फिल्म समीक्षक श्री सुनील मिश्र ने अतिथि सम्पादक की हैसियत से किया है.