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अक्तूबर 14, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कौन जुकरबर्ग?

मनोज कुमार          जुकरबर्ग को आप जानते हैं? मैं नहीं जानता और न ही मेरी जानने में कोई रुचि है। दरअसल, पिछले दिनों ये कोई जुकरबर्ग नाम के श स ने हिन्दी पत्रकारों के साथ जो व्यवहार किया, वह अनपेक्षित नहीं था। वास्तव में ये महाशय भारत में तो आये नहीं थे। इनका वेलकम तो इंडिया में हो रहा था। फिर ये भारतीय पत्रकारों को क्यों पूछते? जुकरबर्ग ने क्या किया और उनका व्यवहार कितना घटिया था, इस पर कोई बात नहीं की जा सकती है। सही और असल सवाल तो यह है कि हम फिरंगियों के प्रति इतने आसक्त क्यों होते हैं? हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका प्रवास पर गये और वहां की मीडिया ने जिस तरह से उपेक्षा की, वह एक बड़ा मसला था लेकिन हम विरोध नहीं कर पाये क्योंेिक मोदी को लेकर हम अभी भी भाजपा और कांग्रेस में बंटे हुये हैं। अमेरिकी मीडिया ने मोदी के साथ जो व्यवहार किया, वह मोदी के साथ नहीं था बल्कि सवा सौ करोड़ के प्रतिनिधि और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ था। मोदी के साथ क्या होता है और क्या होना चाहिये, इसकी हमें बड़ी चिंता होती है। याद करें जब मोदी को वीजा देने से अमेरिका ने मना कर दिया थ