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दिसंबर 7, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Sarokar

मत रखियों अपनी बिटिया का नाम नीरा -मनोज कुमार शीर्षक पढ़ कर आपको शायद अच्छा न लगे किन्तु सच यही है। जो लोग जिम्मेदार हैं और जिन लोगों से प्रेरणा पाकर समाज उनका अनुसरण करता है वही लोग इस तरह के कर्म करेंगे तो कहना ही होगा कि मत रखियों अपनी बिटिया का नाम नीरा। आइए इस बहाने ही सही एक बार नामकरण पर थोड़ी चर्चा हो ही जाए। भारतीय मानस हमेशा से चर्चित और प्रेरणा देने वालों के नाम पर अपने बच्चों का नामकरण करता आया है। भारतीय समाज में साक्षरता का प्रतिशत भले ही कम हो किन्तु समाज हमेशा से विवेकवान रहा है। जिस समय हर मंच पर नीरा राडिया और नीरा यादव की चर्चा हो रही है। अखबार के पन्नों और टेलीविजन के पर्दे पर उनकी बात कही और सुनी जा रही है तब संभव है कि कुछ माता-पिता इन नामों पर फिदा हो जाएं और जैसे होता आया है हर चर्चित नाम अपने बच्चों के कर दिये जाएं। राम एक सर्वकालिक चरित्र हैं। चरित्रवान बच्चे की तमन्ना के साथ राम का नाम सदियों से लोग रखते आये हैं और लक्ष्मण को आज्ञाकारी भाई के रूप में देख कर उसका नाम भी स्नेहपूर्वक रखा गया है। भरत को भी समाज ने अनदेखा नहीं किया और अनेक परिवारों में ऐसे नाम