माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है. यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है. इन सालों में क्या कुछ घटा और किस तरह इस विश्वविद्यालय ने पत्रकारिता के बाद मीडिया शिक्षा को नया आयाम दिया, शोध की दिशा में एक दृष्टि के विकास में कितना योगदान रहा, आदि-अनादि मुद्दों को लेकर शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक दिसम्बर 2016
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खबर का मजा या मजे की खबर
प्रो. मनोज कुमार अखबार में खबर पढ़ते हुए लोगों की अक्सर टिप्पणी होती है खबर में मजा नहीं आया, सवाल यह है कि पाठक को मजे की खबर चाहिए या खबर ...
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-अनामिका कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि यह वही छत्तीसगढ़ है जहां के लोग कभी विकास के लिये तरसते थे। किसी को इस बात का यकिन दिलाना भी आस...
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-मनोज कुमार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या मुद्रित माध्यमों का व्यवसायिकरण. इस बात में अब कोई दो राय नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या मुद्रि...
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मनोज कुमार वरिष्ठ पत्रकार स्वच्छ भारत अभियान में एक बार फिर मध्यप्रदेश ने बाजी मार ली है और लगातार स्वच्छ शहर बनने का र...
