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अप्रैल 18, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Bal Vivah

मिसाल बन गया गांव बड़ी जाम -मनोज कुमार मध्यप्रदेश का व्यवसायिक जिला है इंदौर। इंदौर जिले का एक छोटा सा गांव है बड़ी जाम। लगभग गुमनाम सा गांव बड़ी जाम ने आदर्श कायम किया है जिसकी गूंज इंदौर से भोपाल तक और शायद कल पूरे देश में होगी। इस गांव में बाल विवाह का आयोजन था। पुलिस को इत्तला मिली और वह कार्यवाही करने पहुंच गयी। पहले तो थोड़ा बहुत हील-हुज्जत हुई और इसके बाद जो हुआ तो गांव बड़ी जाम समाज के लिये मिसाल बन गया। इस गांव के लोगों ने एक बाल विवाह नहीं रोका बल्कि संकल्प लिया कि अब गांव में कोई बालविवाह नहीं होगा। बड़ी जाम इंदौर जिले के महू तहसील के पास बसा एक छोटा सा गांव है। यह वही महू है जिसे डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली के रूप में याद किया जाता है। लगभग एक सप्ताह के भीतर अक्षय तृतीया है। भारतीय सांस्कृतिक परम्परा का एक महत्वपूर्ण दिन। इस दिन को कुछ रूढ़िवादी मानसिकता के लोगों ने नाबालिग बच्चों का ब्याह करने की परम्परा डाल दी है जिससे यह महत्वपूर्ण दिन बच्चों के लिये डरावना दिन सा हो गया है। जिन दुधमुंहे बच्चों की शादी रचायी जाती है, उन्हें तो इसका मतलब भी मालूम नहीं होता है। आज के