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मई 4, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बातचीत

नौटंकी के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं- मधु अग्रवाल थिएट्रिकल कम्पनी की डायरेक्टर मधु अग्रवाल से मनोज कुमार की बातचीत लोक कलाओं का संसार अद्वितीय है। भारत के प्रत्येक राज्य की अपनी लोक संस्कृति और कलायें हैं। यह कला और संस्कृति किसी भी राज्य की विशिष्ठ पहचान होती है। लोक कला और संस्कृति ही सही अर्थाें में किसी राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। आम बोलचाल की भाषा में कहा जाए कि लोककला और संस्कृति किसी राज्य की ब्रांड एम्बेसडर होती हैं, तो कुछ अनुचित नहीं होगा। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में समय समय पर इन लोकलाओं और संस्कृतियों का संगम समागम होता रहा है। मध्यप्रदेश संस्कृति संचालनालय के निमंत्रण पर देश के हर राज्यों की लोककला और संस्कृति का यहां समागम होता रहा है। पिछले दिनों उत्तरप्रदेश की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि लोकनाट्य का तीन दिवसीय समारोह नौटंकी का आयोजन हुआ। नौटंकी उत्तरप्रदेश की पुरातन लोकनाट्य परम्परा है। समय के साथ दूसरी लोककलाओं की तरह नौटंकी की लोकप्रियता में कमी आयी है किन्तु व्यक्तिगत प्रयासों के चलते नौटंकी का स्वरूप आज भी कायम है। उत्तरप्रदेश के नौटंकी दल के सर्वेसर्वा स्वर्गीय त