बुधवार, 9 नवंबर 2016

हतप्रभ कर देने वाला फैसला

प्रधानमंत्री मोदी का यह फैसला दूरगामी परिणाम देने वाला है. सबसे पहले तो इस फैसले से आतंकवाद की कमर टूट जाएगी. उन्हें पालने के लिए जो धन गलत रास्ते से आता-जाता था, उस रास्ते को मोदी ने हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया है. पाकिस्तान को ऐसा ही जवाब दिए जाने की उम्मीद थी और मोदीजी ने देश की उम्मीद को पूरा किया है.  दूसरा असर जमाखोरों और कालाधन रखने वालों पर पड़ेगा. करोड़ों बेनामी रखने वालों की रात की नींद उड गयी है.
हतप्रभ कर देने वाला यह फैसला एकाएक लिया गया और मोदीजी ने इसकी भनक मीडिया तक को नहीं लगने दी. ऐसे समय में फैसला सुनाया कि किसी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था. एक समय कहावत सुनते थे कि सडक़ पर आ जाना. आज मोदीजी के फैसले के बरक्श देख भी लिया कि सडक़ पर आना किसे कहते हैं.
प्रधानमंत्री के इस फैसले में सबकुछ ठीक है, कहना भी अतिरेक होगा. इसमें उन सारे लोगोंं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो रोज कमाते और रोज खाते हैं. मजदूरी में उन्हें छुट्टे पैसे नहीं मिलते हैं और दो-तीन की मजदूरी एक साथ या फिर हफ्ते में एक बार दी जाती है. स्वाभाविक है कि मजदूरी के रूप में मिलने वाली राशि सौ रुपये या पचास में नहीं होगी और पांच सौ या हजार का कोई विकल्प दो दिनों के लिए शेष नहीं था. इसी तरह अपने बच्चों की शिक्षा, शादी और घर के आवश्यक कामों के लिए जतन से रखे गए रुपये भी आम आदमी को मुसीबत में डालने वाला साबित हुआ है. खासतौर पर गृहणियों के समक्ष बड़ा संकट है कि वे पति की जेब से निकाले गए पैसे, पीहर से मिली राशि को अपने और अपने परिवार के लिए जोड़ रखा था, उसका हिसाब कैसेे और कहां से दे. हालांकि फैसला इतना बड़ा है और असर इसका व्यापक है तो छोटे और मध्यमवर्गीय लोगों को मुश्किल होना सामान्य सी बात है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन मुसीबत के बाद भी देश मोदीजी के साथ खड़ा दिखता है. उनका कहना है कि ये मुसीबत के दिन तो फिर भी कट जाएंगे लेकिन हमारे बच्चों का भविष्य संवर जाएगा. धन का वितरण समान हो जाएगा और पारदर्शिता होगी.

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