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नुक्ताचीनी

आतंकवाद और जमाखोरों की खबर को अधिक जगह
आज 18 अगस्त 09 के अखबारों में जमाखोरों पर कार्यवाही, आतंकी हमले की साजिश का प्रधानमंत्री का अंदेशा आज के अखबारों की खबर महत्वपूर्ण है। नयी बिजली दरों पर एक खास खबर पत्रिका ने प्रकाशित की है जिसमें बताया गया है कि हाॅस्टल में जलने वाली बिजली की दरें घरेलू बिजली की दरों से कम है। नईदुनिया की खास खबर में छोटी झील में मछली पकड़ने के लिये जहरीली दवा डालने का खुलासा किया गया है। वार्ड आरक्षण पर पत्रिका का शीर्षक आधी आबादी के नाम आधा शहर बेहद खूबसूरत और पठनीय है।
दैनिक भास्कर की लीड खबर जमाखोरों पर की जा रही कार्यवाही पर है वहीं दूसरी लीड प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के उस बयान को लिया गया है जिसमें आतंकी हमले की साजिश की बात कही गई है। इसके अलावा स्वाइन फ्लू से निपटने के लिये खरीदी पर एक खबर, सूखा से निपटने के लिये मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा मांगी गई मदद एवं आतंकवाद से निपटने के लिये मुख्यमंत्री का केन्द्र से साथ देने का आग्रह के अलावा राजस्थान में वसुंधरा राजे के इस्तीफा नहीं देने और विधायकांे का साथ देने की खबर है। पहले पन्ने की एंकर स्टोरी नरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार की है। शहर के पन्नों पर वार्ड आरक्षण की खबर प्रमुख है।
नवदुनिया में वार्ड आरक्षण की खबर को प्रमुखता दी गई है। जमाखोरों पर कार्यवाही के संदर्भ में एक खबर शक्कर के दामों में कम होने की पहले पन्ने पर है। नवदुनिया के ही व्यापार पेज में शक्कर के दामों में वृ़िद्ध की खबर है। पहले पन्ने और व्यापार पेज की खबरें विरोधाभाषी हैं।
राज एक्सप्रेस की लीड खबर आतंकवाद पर है। इसके अलावा स्वाइन फ्लू और जसवंतसिंह की नयी किताब पर जिन्ना विवाद को प्रमुखता से दिया गया है। स्थानीय अखबारों में राज एक्सप्रेस के खबर का चयन एकदम भिन्न दिखता है जो अखबार को पठनीय बनाता है। आज की एक खास खबर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी बिजली बचत के लिये एयरकंडीशनर के उपयोग पर रोक नहीं लगने की है।
पत्रिका की खास खबर बिजली के दरों को लेकर है। आम आदमी से जुड़ी खबर होने के नाते पाठकांे को यह रूचेगी। आतंकी साजिश के प्रधानमंत्री के बयान को प्रमुखता दिया गया है। वार्ड आरक्षण पर दूसरी लीड खबर की हेडिंग पत्रिका ने सबसे अच्छी लगायी है और लिखा है आधी आबादी के नाम आधा शहर।
सम्पादकीय टिप्पणीभास्कर और नवदुनिया ने शाहरूख के मुद्दे पर संपादकीय लिखा है। दोनों ही अखबारों ने अप्रत्यक्ष रूप् से अमेरिकी कार्यवाही को गलत नहीं कहा है बल्कि संपादकीय में कहा गया है कि भारत में भी इसी तरह कड़ाई से जांच की जानी चाहिए। संपादकीय में केन्द्रीय मंत्री अम्बिका सोनी की प्रतिक्रिया की भी हल्की सी आलोचना की गई है। पत्रिका की सम्पादकीय स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह द्वारा जलसंरक्षण के लिये कही गई बातों पर है। राजएक्सप्रेस ने सम्पादकीय में आतंकवाद एवं जमाखोरी पर टिप्पणी लिखी है।

टिप्पणियाँ

  1. भाई मनोज जी
    आपके विचार हमारे लिए मोती सामान है इन्हें बिखरने नहीं देना

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