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राहत की खबर को प्रमुखता

स्वाधीनता दिवस के अवकाश के बाद राजधानी भोपाल से 17 अगस्त को प्रकाशित अखबारों में खबरांे को पिछले दिनों की अपेक्षाकृत ज्यादा जगह मिली है। आज अखबारों में विज्ञापन का दबाव थोड़ा कम है लेकिन मान्यता के अनुरूप् साठ-चालीस के मापदंड को अभी भी अनदेखा किया जा रहा है। सभी अखबारों ने स्वाइन फ्लू नहीं होने की खबर देकर आम आदमी को राहत दी है तो नवदुनिया ने मंदी में रोजगार के अवसर की खास खबर प्रकाशित की है।

दैनिक भास्कर भोपाल में लीड खबर स्वाइन फ्लू से संबंधित है। इस खबर से लोगों को राहत मिलेगी कि भोपाल में तो स्वाइन फ्लू का अंदेशा है ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में भी इसका असर नहीं दिख पाया है। यह जनसामान्य के हित की बड़ी खबर है जो लोगों को राहत दे गयी। इसी तरह पत्रिका ने स्वाइन फ्लू की खबर को हाइलाईट किया है। नवदुनिया में स्वाइन फ्लू की खबर को अपेक्षाकृत छोटा दिया गया है वहीं राजएक्सप्रेस ने भी स्वाइन फ्लू की खबर को प्राथमिकता दी है।

दैनिक भास्कर की अन्य खबरों में प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश में पानी बचाओ को राष्ट्रीय नारा बनाने की अपील को हाईलाईट करते हुए सेकंड लीड लिया गया है। नवदुनिया ने प्रधानमंत्री के त्वरित न्याय वाले पक्ष को हाईलाइट किया है जबकि पत्रिका ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश को भीतर के पृष्ठांे पर दिया है।
दैनिक भास्कर की अन्य प्रथम पृष्ठ पर अन्य प्रमुख खबरों में जमाखोरों पर प्रहार, शाहरूख का अमरीका जाने से तौबा, वसंुधरा इस्तीफा देने तैयार, एलप्स पर भारतीय क्रिकेटरों की विजय की खबरें हैं तो नवदुनिया ने मंदी में रोजगार की संभावनाओं पर लीड खबर देकर एक बड़े युवा वर्ग में राहत की आस जगायी है। नवदुनिया की अन्य प्रमुख खबरों में शक्कर की जब्ती, बारिश की संभावना, वसंधुरा का इस्तीफे के लिये राजी होना, द्रविड़ की वापसी आदि है। पत्रिका में बेइमान आवासीय समितियों पर कार्यवाही किये जाने के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की चेतानी, शक्कर की कीमतें नहीं बढ़ने देने का वायदा और द्रविड़ की वापसी मुख्य है। राज एक्सप्रेस में भी यही खबरें पहले पन्ने पर हैं।

सम्पादकीय टिप्पणीभास्कर ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम दिये गये संदेश पर संपादकीय लिखा है जिसका शीर्षक है लालकिले से पानी की गूंज। जलसंकट हमारे समय की महती समस्या है और जब प्रधानमंत्री कोई आह़वान कर रहे हैं तो इस पर गौर किया जाना उचित ही है।

पत्रिका ने द्रविड़ की टीम में वापसी पर सम्पादकीय लिखा है। यह सम्पादकीय खेलप्रेमियों को अच्छा लगेगा।
नवदुनिया ने संपादकीय में प्रधानमंत्री के भाषण को लिया है और सम्पादकीय में यह स्मरण कराया गया है कि वर्ष में एक दिन देश के प्रधानमंत्री देश की जनता से सीधे हिन्दी में संवाद करे, यह परम्परा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी जिसका निर्वहन निरंतर हो रहा है। सम्पादकीय में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगोैड़ा का स्मरण भी किया गया है जिन्हें देश की जनता को संबोधित करने के लिये हिन्दी सीखना पड़ा था। वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के देश के नाम संदेश को सरकार का रिपोर्ट कार्ड बताया गया है और लिखा गया है कि संदेश के साथ भविष्य के कुछ इरादे भी दिखे।

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