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रिसर्च जर्नल ‘समागम’ 18वें वर्ष में


भोपाल। रिसर्च जर्नल ‘समागम’ ने अपने निरंतर प्रकाशन के 17 वर्ष पूर्ण कर लिया है. 17वें साल का आखिरी अंक जनवरी-2018 का महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज एवं विवेकानंदजी के शिकागो भाषण के सवा सौ साल पूर्ण होने पर केन्द्रित है. फरवरी 2018 में ‘समागम’ रेडियो पर केन्द्रित होगा और यह अंक 18वें वर्ष का प्रथम अंक होगा. इस आशय की जानकारी सम्पादक मनोज कुमार ने दी है. समाज, मीडिया एवं सिनेमा के अंतर्संबंध पर केन्द्रित मासिक रिसर्च जर्नल ‘समागम’ को यूजीसी ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है. रिसर्च जर्नल ‘समागम’ को यूजीसी ने मीडिया केेटेगिरी में शामिल किया है. ‘समागम’ का हर अंक विषय विशेष पर केन्द्रित होता है. ‘समागम’ के परामर्श मंडल में विद्वतजनों का सहयोग है तथा शोधार्थियों एवं शिक्षकों का निरंतर सहयोग मिलता रहा है. देश की प्रतिष्ठित समाचार पत्रिका इंडिया टुडे, हंस एवं अन्य प्रमुख प्रकाशनों ने ‘समागम’ को सराहा है. हिन्दी सिनेमा के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘समागम’ ने लगातार दो अंक का प्रकाशन किया जिसमें भाषायी सिनेमा पर शोध पत्रों का प्रकाशन किया गया. ‘समागम’ 18वें वर्ष में संचार के प्रमुख माध्यम रेडियो पर अपना पहला अंक केन्द्रित कर रहा है. ‘समागम’ की व्यक्तिगत आजीवन सदस्यता 1500/- रुपये में दी जा रही है. साथ ही मानक को पूर्ण करने वाले शोध पत्रों का प्रकाशन किया जाएगा.    

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