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अगस्त 10, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इनकी चुनौती नहीं, हौसला देखिये

-अनामिका शिक्षा किसी भी हिंसा का सबसे माकूल जवाब हो सकता है और छत्तीसगढ़ राज्य ने इस बात को कई बार साबित कर दिखा चुका है। लगातार नक्सली हमले से सहमने और दहलने के बजाय दुगुनी ताकत से हिंसा का जवाब शिक्षा से देने के लिये छत्तीसगढ़ अपने-आप को प्रस्तुत करता रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़  के नौनिहालों ने शिक्षा के क्षेत्र में जो  ऊंचाईयां अर्जित  की है, वह छत्तीसगढ़ के साहस को दिखाता है। राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को अवसर दिया और विद्यार्थियों ने जता दिया कि अवसर मिलते ही आसमां छू लेंगे। यही नही, हर बार और बार बार उनकी मांग होगी कि आसमां को थोड़ा और ऊंचा कर लो ताकि चुनौती का सामना करने का साहस उनमें दिख सके। सरकार ने नक्सल पीडि़त क्षेत्रों में स्कूली विद्यार्थियों के लिये योजना शुरू की छू लो आसमां और विद्यार्थियों ने आसमां छू कर ही नहीं, बल्कि उंचा उठा  कर दिखा दिया। आमतौर पर विशम स्थितियों का अर्थ होता है निराशा में डूब छठाना और ऐसे में पीईटी, एआई पीएमटी, एआईट्रिपलई और पीपीएचटी छठैसी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो ना कोई मामूली बात नहीं है। चुनौतियां, डर और दब्बूपन इन सफल विद्यार्थ