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‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इतिहास’ विषय के शिक्षकों की भूमिका पर राष्ट्रीय वेबीनार

 ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इतिहास’ विषय के शिक्षकों की भूमिका पर राष्ट्रीय वेबीनार इतिहास की पुर्नव्याख्या करने की जरूरत- डॉ. रत्नम महू (इंदौर). 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय मूल्यों की बात की गई है. इस संदर्भ में इतिहास विषय के शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है क्योंकि नई शिक्षा नीति में उनके प्रभावी क्रियान्वयन उन्हें करना है.  उन्होंने कहा कि भारतीय दृष्टि के साथ इतिहास की पुर्नव्याख्या करने की जरूरत है. यह बात भारतीय इतिहास परिषद, भारत शासन के सदस्य प्रो. कुमार रत्नम ने कही. प्रो. रत्नम डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू एवं भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इतिहास’ विषय के शिक्षकों की भूमिका पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो निरंतर अकादमिक चिंतन कर रहा है और एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा निर्धारण करने में अपना योगदान दे रहा है. प्रो. रत्नम ने ब्राउस को इस बात का प्रस्ताव दिया कि भारतीय इतिहास परिषद साथ मिलकर