सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अप्रैल 23, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खादी और गांधी पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो रहे हैं-रघु ठाकुर

भोपाल। ‘खादी केवल वस्त्र नहीं बल्कि वह अनेक आयामों से जुड़ा हुआ है. जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है, वैसे वैसे खादी और गांधी अधिक प्रासंगिक होते जा रहे हैं. यह बात श्री रघु ठाकुर आज स्वराज भवन में शोध पत्रिका समागम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही. उन्होंने कहा कि खादी की ताकत थी कि अंग्रेजों को नतमस्तक होना पड़ा. स्वाधीनता संग्राम में खादी की भूमिका विषय पर उनका कहना था कि खादी के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देकर गांधीजी ने अंग्रेजों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया था. इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश£ेषक श्री गिरिजाशंकर ने कहा कि आज बाजार में उत्पाद बेचते समय इस बात पर जोर दिया जाता है कि यह घर का बना है. अर्थात मशीनों के उत्पाद से किनारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खादी और गांधी सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे. इस अवसर पर इतिहास लेखक श्री घनश्याम सक्सेना ने अपने पुराने दिनों का स्मरण किया कि कैसे उनका खादी और गांधी से परिचय हुआ. उन्होंने खादी के अर्थशास्त्र को समझाते हुए अनेक किताबों का उल्लेख भी किया. संगोष्ठी में ‘समागम’ का खादी पर एकाग्र अंक का लोकार्पण अतिथि वक्ताओं न