प्रिय पाठकों, महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर सन 2009 में अपने ब्लॉग में व्यंग लिखा था. तब मैंने आज विवादों में आई मेगी का विज्ञापन नहीं करने का अनुरोध महानायक अमिताभ बच्चन से किया था. एक बार फिर आप के पढने के लिए पोस्ट कर रहा हु. -मनोज कुमार बापू इस बार आपको जन्मदिन में हम चरखा नहीं, वालमार्ट भेंट कर रहे हैं.गरीबी तो खतम नहीं कर पा रहे हैं, इसलिये गरीबों को खत्म करने का अचूक नुस्खा हमने इजाद कर लिया है. खुदरा बाजार में हम विदेशी पंूजी निवेश को अनुमति दे दी है. हमें ऐसा लगता है कि समस्या को ही नहीं, जड़ को खत्म कर देना चाहिए और आप जानते हैं कि समस्या गरीबी नहीं बल्कि गरीब है और हमारे इन फैसलों से समस्या की जड़ गरीब ही खत्म हो जाएगी. बुरा मत मानना, बिलकुल भी बुरा मत मानना. आपको तो पता ही होगा कि इस समय हम इक्कसवीं सदी में जी रहे हैं और आप हैं कि बारमबार सन् सैंतालीस की रट लगाये हुए हैं कुटीर उद्योग, कुटीर उद्योग. एक आदमी चरखा लेकर बैठता है तो जाने कितने दिनों में अपने एक धोती का धागा...
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