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जुलाई 2, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

‘सिकल सेल’ के खिलाफ शंखनाद

मनोज कुमार मध्यप्रदेश सहित कुछ राज्यों में निकट भविष्य में चुनाव होने वाले हैं और राज्य सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए खजाने का मुंह खोले बैठी है लेकिन इससे इतर एक यज्ञ के रूप में जिस देशव्यापी अभियान की शुरूआत मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है, वह चुनाव नहीं बल्कि एक-एक आदिवासी की धडक़न बचाने से वास्ता रखता है. इसे सिकल सेल रोग के खिलाफ शंखनाद कह सकते हैं. आदिवासी समाज को आहिस्ता-आहिस्ता निगल रही सिकल सेल नाम एनीमिया के उन्मूलन का बीड़ा केन्द्र सरकार ने उठाया है और आने वाले साल 47 तक सिकल सेल बीमारी को खत्म करने का निश्चिय किया है. सिकल सेल एनीमिया एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी यानी जेनेटिक डिसऑर्डर है. माता और पिता दोनों में सिकल सेल के जीन्स होने पर उनके बच्चों में यह बीमारी होना स्वाभाविक है. सिकल सेल में रोगी की लाल रक्त कोशिकाएं हंसिए के आकार में परिवर्तित हो जाती हैं. हंसिए के आकार के ये कण शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंच कर रुकावट पैदा करते हैं. इस जन्मजात रोग से ग्रसित बच्चा शिशु अवस्था से बुखार, सर्दी, पेट दर्द, जोड़ों एवं घुटनों में दर्द, सूजन