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अक्तूबर 12, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
समागम का यह अंक गांधीजी के दर्शन एवं विचारो पर केन्द्रित है।  गांधीजी सर्वकालिक रहे है, यही कारन है की उनके विरोधी भी आज उनके कायल है।  हमारी  कोशिश है की नई पीढ़ी गाँधी को जाने और समझे।  समागम एक पूर्णकालिक शोध पत्रिका है। संपर्क कर सकते है  संपादक  समागम  3, जूनियर ऍमआई जी, अंकुर कालोनी, शिवाजी नगर भोपाल 16 मोबइल 09300469918