शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012


समागम का यह अंक गांधीजी के दर्शन एवं विचारो पर केन्द्रित है।
 गांधीजी सर्वकालिक रहे है, यही कारन है की उनके विरोधी भी आज उनके कायल है।
 हमारी  कोशिश है की नई पीढ़ी गाँधी को जाने और समझे। 

समागम एक पूर्णकालिक शोध पत्रिका है। संपर्क कर सकते है 
संपादक  समागम 
3, जूनियर ऍमआई जी, अंकुर कालोनी, शिवाजी नगर भोपाल 16
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भाषाई राजदूत है मध्यप्रदेश

 प्रो. मनोज कुमार मध्यप्रदेश के भौगोलिक गठन को लेकर निराश होता था. लगता था कि देश का ह्दयप्रदेश कहलाने वाले मध्यप्रदेश की कोई एक भाषा, एक ...