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जून 16, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
दहशत की दीवार पर कामयाबी का ककहरा -मनोज कुमार हिंसा पर अहिंसा की विजय का उदाहरण देखना है तो आपको छत्तीसगढ़ आना होगा। उस छत्तीसगढ़ में जो नक्सली हिंसा की दमक से थर्रा रहा है। उस छत्तीसगढ़ में जिसकी पर्याय बनता जा रहा है नक्सली हिंसा। देशभर में चिंता का विषय बन चुके छत्तीसगढ़ का एक और चेहरा है जो दहशत की दीवार पर कामयाबी का ककहरा लिख रहा है। यही है वह असली छत्तीसगढ़ जिसे किसी का खौफ नहीं। वह चुनौतियों को विकास का रास्ता मानता है और चुनौतियों से जूझते हुए कामयाबी की कहानी लिखता है। इस बात को पहले भी कई बार साबित किया जा चुका है और एक बार फिर बस्तर संभाग के दर्जनों बच्चों ने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कर जता दिया है कि उनके हौसले बुलंद हैं। वे एक नये छत्तीसगढ़ रच रहे हैं और आने वाला समय विकसित छत्तीसगढ़ का होगा। जिन बच्चों ने इंजीनियरिंग की परीक्षा में कामयाबी दर्ज की है, वे शहरों में रहने वाले उन परिवारों से नहीं हैं जो नक्सली हिंसा की खबर पढ़कर सहम जाते हैं बल्कि इनमें से अधिकांश वे बच्चे हैं जिनके परिवारों को रोज रोज सहमना पड़ता है। कल की सुबह देख पाएंगे, इसका भरोसा भले ही न हो