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अप्रैल 26, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक रिपोर्टर के रोमांचक अनुभव का दस्तावेज है किताब ‘ऑंखों देखी फॉंसी’

भोपाल। किताब ‘ऑंखों देखी फॉंसी’ एक रिपोर्टर के रोमांचक अनुभव का दस्तावेज है. किसी पत्रकार के लिये यह अनुभव बिरला है तो संभवत: हिन्दी पत्रकारिता में यह दुर्लभ रिपोर्टिंग. लगभग पैंतीस वर्ष बाद एक दुर्लभ रिपोर्टिंग जब किताब के रूप में पाठकों के हाथ में आती है तो पीढिय़ों का अंतर आ चुका होता है. बावजूद इसके रोमांच उतना ही बना हुआ होता है जितना कि पैंतीस साल पहले. एक रिपोर्टर के रोमांचक अनुभव का दस्तावेज के रूप में प्रकाशित किताब ‘ऑंखों देखी फॉंसी’ हिन्दी पत्रकारिता को समृद्ध बनाती है. देश के ख्यातनाम पत्रकार एवं राजनीतिक विश£ेषक के रूप में स्थापित श्री गिरिजाशंकर की बहुप्रतीक्षित किताब का विमोचन भोपाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 25 अप्रेल 2015 को एक आत्मीय आयोजन में किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में वरिष्ठ सम्पादक श्री श्रवण गर्ग भी उपस्थित थे. किताब लोकापर्ण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि उनके लिये यह चौंकाने वाली सूचना थी कि फांसी की आंखों देखा हाल कव्हरेज किया गया हो. वे अपने उद्बबोधन में कहते हैं कि किताब को पढऩे के बाद लगा कि समाज के