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जनवरी 28, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इक अखबार बिन सब सून

मनोज कुमार भारत का संविधान पर्व दिवस 26 जनवरी जनवरी को परम्परानुसार अखबारों के दफ्तरों में अवकाश रहा लिहाजा 27 जनवरी को अखबार नहीं आया और इक प्याली चाय सूनी-सूनी सी रह गयी. 28 तारीख को वापस चाय की प्याली में ताजगी आ गयी क्योंकि अखबार साथ में हाथ में था. अभी हम 2023 में चल रहे हैं और कल 29 तारीख होगी जनवरी माह की और यह तारीख हमारे इतिहास में महफूज है क्योंकि इसी तारीख पर जेम्स आगस्ट हिक्की ने भारत के पहले समाचार पत्र का प्रकाशन आरंभ किया था. शायद तब से लेकर अब तक इक प्याली चाय के साथ अखबार का हमारा रिश्ता बन गया है. हिक्की के अखबार का प्रकाशन 1780 में हुआ था और इस मान से देखें तो भारत की पत्रकारिता की यात्रा 243 साल की हो रही है. भारतीय पत्रकारिता का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि उसने हमेशा जन-जागरण का लोकव्यापी कार्य किया है. कबीर के शब्दों में ढालें तो ‘ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर’ वाली परम्परा का पोषण भारतीय पत्रकारिता ने किया है.  शब्द सत्ता का दूसरा नाम अखबार है और शायद यही कारण है कि रसूख वालों को 1780 में जिन अखबारों से डर लगता था, 2023 में भी वही डर कायम है. कानून को