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सितंबर 17, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दसवां विश्व हिन्दी सम्मेलन भोपाल में सम्पन्न, अगली मुलाकात मॉरीशस में

हिन्दी और भारतीय भाषाओं को तकनीकी के लिए परिवर्तित करना होगा- मोदी -मनोज कुमार 34 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद भारत को विश्व हिन्दी सम्मेलन की मेजबानी का अवसर मिला और यह अवसर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हिस्से में आया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर कहा भी किसम्मेलन को मध्यप्रदेश और भोपाल में आयोजित करने का कारण बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश हिन्दी के लिये समर्पित राज्य है और भोपाल सफल आयोजन करने के लिये विख्यात है। श्रीमती स्वराज ने विश्व हिन्दी सम्मेलन के आयोजनों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 32 वर्षों बाद यह भारत में आयोजित हो रहा है। पहला सम्मेलन 1975 में नागपुर में हुआ था। तब से भोपाल के दसवें सम्मेलन तक आयोजन का स्वरूप बदला है। पहले के सम्मेलन साहित्य केन्द्रित थे लेकिन दसवाँ सम्मेलन भाषा की उन्नति पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि भाषा की उन्नति के लिये संवर्धन ही नहीं संरक्षण की भी जरूरत पड़ रही है।  दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि- भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। भा