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दिसंबर 3, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

‘इंडियन रॉबिन हुड’ यानि वीर सिपाही टंट्या मामा

मनोज कुमार हम आजादी के 75वां वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तब ऐसे अनेक प्रसंग से हमारी नयी पीढ़ी को रूबरू कराने का स्वर्णिम अवसर है। मध्यप्रदेश ऐसे जाने-अनजाने सभी वीर योद्धाओं का स्मरण कर आजादी के 75वें वर्ष को यादगार बना रहा है। खासतौर पर उन योद्वाओं का जिन्होंने अपने शौर्य से अंग्रेजी सेना को नेस्तनाबूद कर दिया। ऐसे में वीर योद्धा टंट्या भील को हम टंट्या मामा के नाम से संबोधित करते हैं, वह सदैव हमारे लिये अनुकरणीय रहे हैं। यह हिन्दुस्तान की माटी है जहां हम अपने योद्धाओं का हमेशा से कृतज्ञ रहे हैं। ऐसे में टंट्या मामा का स्मरण करते हुए हम गर्व से भर उठते हैं कि  वीर योद्धा टंट्या मामा की वीरता को सलाम करने के लिए पातालपानी रेल्वे स्टेशन से गुजरने वाली हर रेलगाड़ी के पहिये कुछ समय के लिए आज भी थम जाता है। जनपदीय लोक नायकों का स्मरण तो हम समय-समय पर करते हैं लेकिन वीर योद्धा टंट्या मामा को प्रतिदिन स्मरण करने का यह सिलसिला कभी थमा नहीं, कभी रूका नहीं।  स्वाधीनता का 75वां वर्ष पूरे राष्ट्र का उत्सव है। एक ऐसा उत्सव जो हर पल इस बात का स्मरण कराता है कि ये रणबांकुरे नहीं होते तो हम भी नह