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सितंबर 6, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिन्दी के आयोजनों को चश्मा उतार कर देखे

-मनोज कुमार       मध्यप्रदेश भारत का ह्दयप्रदेश है और हिन्दी के एक बड़ी पट्टी वाले प्रदेश के रूप में हमारी पहचान है। हिन्दी हमारे प्रदेश की पहचान है और लगातार निर्विकार भाव से हिन्दी में कार्य व्यवहार की गूंज का ही परिणाम है कि चालीस साल बाद हिन्दी के विश्वस्तरीय आयोजन को लेकर जब भारत का चयन किया गया तो इस आयोजन के लिए मध्यप्रदेश को दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन की मेजबानी सौंपी गई। गंगा-जमुनी संस्कृति वाले भोपाल में हिन्दी का यह आयोजन न केवल भोपाल के लिए अपितु समूचे हिन्दी समाज के लिए गौरव की बात है। भोपाल में हो रहा यह आयोजन हिन्दी को विश्व मंच पर स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा, यह हिन्दी समाज का विश्वास है। मध्यप्रदेश, देश का ह्दयप्रदेश होने के नाते बहुभाषी और विविध संस्कृति वाला प्रदेश है। विभिन्न भाषा-बोली के लोग मध्यप्रदेश में निवास करते हैं किन्तु इन सबकी सम्पर्क भाषा हिन्दी है। अहिन्दी प्रदेशों से यहां रोजगार के लिए आने वाले लोग भी हिन्दी सीख कर गौरव का अनुभव करते हैं। यह छोटा सा तथ्य इस बात को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है कि दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आय