सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून 19, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पापा मैं छोटी ही रहना चाहती हुँ

मेरे ब्लॉग पर यह पुराना लेख है. लगा की आज आप सब से शेयर करना चाहिए सो दुबारा। -मनोज कुमार   अखबार पढ़ते हुये अचानक नजर पड़ी कि कुछ दिनों बाद फादर्स डे है। मन में जिज्ञासा आयी और लगा कि अपनी बिटिया से पूछूं कि वो इस फादर्स डे पर क्या करने वाली है। मैंने सहज भाव से पूछ ही लिया कि बेटा, थोड़े दिनों बाद फादर्स डे आने वाला है। तुम अपने फादर अर्थात मेरे लिये क्या करने वाली हो? वह मेरा सवाल सुनकर मुस्करायी और मेरे सामान्य ज्ञान को बढ़ाते हुये कहा कि हां, पापा मुझे पता है कि फादर्स डे आने वाला है। अच्छा आप बताओ कि आप मेरे लिये क्या करने वाले हो? मैंने कहा कि दिन तो मेरा है, फिर मैं क्यों कुछ करने लगा। तु हें मेरे लिये करना चाहिये? इसके बाद हम बाप-बेटी के बीच जो संवाद हुआ, वह एक दार्शनिक संवाद  जरूर था लेकिन डे मनाने वालों के लिये सीख भी है। बेटी ने कहा कि पहली बात तो यह कि मैं अभी आपकी इनकम पर अपना भविष्य बना रही हूं और जो कुछ भी करूंगी आपके जेब से निकाल कर ही करूंगी। ऐसे में आपके लिये कुछ करने का मतलब आपको खुश करने के बजाय दुखी करना होगा क्योंकि जितने पैसों से मैं आपके लिये उपहार खरीदूं