सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च 7, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Aaj-Kal

मंच वाले अमरसिंह आज नेपथ्य में मनोज कुमार उत्तरप्रदेष के चौंकाने वाले चुनाव परिणाम में सब लोग उलझ गये हैं। राहुल गांधी की असफलता और भाजपा की नाकामयाबी इस समय चर्चा में है। समाजवादी पार्टी की बात हो रही है तो अखिलेषसिंह की। मुलायमसिंह भी थोड़े से किनारे कर दिये गये से लगते हैं लेकिन समाजवादी पार्टी के वे संस्थापक हैं तो उन्हें अनदेखा करना उतना न तो सहज है और न ही संभव। इन सबके बीच कोई गुमनाम हुआ है तो एक षख्स जिसका नाम है अमरसिंह। अमरसिंह कभी समाजवादी पार्टी के पर्याय हुआ करते थे। सपा, मुलायम और अमरसिंह के बिना उत्तरप्रदेष की राजनीति का तानाबाना ही नहीं बुना जाता था लेकिन इस चुनाव में अमरसिंह का कोई वजूद नहीं रहा। यहां तक कि चुनाव विष्लेषण में भी उनका कभी उल्लेख तक नहीं किया गया। राजनीति में आयाराम गयाराम तो खूब होते हैं लेकिन गुमनामी की यह मिसाल होगी। बहुत ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी में मुलामयमसिंह के बाद अमरसिंह सबसे बड़े दावेदार हुआ करते थे। कहना न होगा कि वे स्वयंभू मुलायमसिंह के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखे जाते थे। मुलायम और अमरसिंह में तकरार