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नवंबर 28, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

samaj

लोकतंत्र में राजशाही का दबदबा बता गया किचन शेफ मनोज कुमार भारत में लोकतांत्रिक सरकार के चौंसठ बरस होने जा रहे हैं। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजा का बाजा बहुत पहले श्रीमती इंदिरा गांधी ने बजा दिया था। प्रीविपर्स की समाप्ति के साथ राजा-रजवाड़े के दिन लद गये थे। वे अपनी सम्पत्ति के साथ अपने महलों में राज कर रहे थे। उन्हें राजा कहना या उन्हें सलामी देने की बाध्यता समाप्त हो गयी थी। अपनी भावी पीढ़ी को भी मैं यही बताता रहा हूं कि भारत में लोकतंत्र का उदय हो चुका है और राजशाही के दिन लद गये हैं। किन्तु तीन दिन पहले अक्षय कुमार के रियलिटी शो किचन शेफ देखते समय अंदाज हुआ कि भारत में लोकतंत्र और राजशाही दोनों साथ साथ चल रहे हैं। समानांतर सत्ता की तरह। थोड़ा विस्तार में बता दें। किचन शेफ उन लोगों के लिये है जो विभिन्न किस्म के खाना बनाना जानते हैं और जो इनमें सबसे ज्यादा हुनरमंद होगा, उन्हें किचन शेफ ऐलान किया जाएगा। विभिन्न पड़ावों से होता हुआ यह प्रोग्राम जब ढाबे पर प्रतियोगियों को जांचने पहुंचा तो भला लगा कि फाईव स्टार होटल ही नहीं, ढाबे के खाने का सलीका भी होना चाहिए। मेरी यह खुशी थोड़े समय तक