मंगलवार, 9 नवंबर 2010

Samagam

समागम का नया अंक आदिवासी और मीडिया पर केन्द्रीत

भोपाल से प्रकाशित मीडिया पर एकाग्र मासिक पत्रिका समागम का नवम्बर २०१० का अंक आदिवासी और मीडिया पर केन्द्रीत है। मीडिया के विस्तार एवं विकास के दौर में भी जनजातीय पत्रकारिता हमेशा से अछूती रही है। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ समेत अनेक राज्य हैं जहां की आदिवासी आबादी बहुलता में है। इन राज्यों में भी कभी जनजातीय पत्रकारिता को स्थान नहीं दिया गया। समागम ने एक कोशिश की है। नामचीन पत्रकार, साहित्यकार एवं शोधार्थियों के आलेख इस अंक में शामिल किया गया है, इस उम्मीद के साथ की मीडिया में इस विषय पर चर्चा होगी। आज नहीं तो कल जनजातीय पत्रकारिता को भी ग्रामीण पत्रकारिता की तरह स्वरूप मिल सकेगा।

विद्या ददाति विनयम्

प्रो. मनोज कुमार भारतीय समाज के लिए जुलाई का महीना विशेष महत्व का होता है. इस महीने ज्ञान के द्वार खुलते हैं और हँसते-मुस्कराते नन्हें शिशु ...