मासिक पत्रिका समागम के सितम्बर 2009 के लिये आमंत्रणभोपाल। मीडिया, संस्कृति एवं साहित्य पर एकाग्र भोपाल से प्रकाशित हिन्दी मासिक पत्रिका समागम का सितम्बर 2009 का अंक उन शब्दशिल्पियों पर केन्द्रीत है जो अखिल भारतीय प्रशासनिक, पुलिस एवं अन्य सेवाओं में होने के बाद भी निरंतर सक्रिय रहते हैं। हमने ऐसे कुछ गंभीर शब्दशिल्पियों की तलाश की है। संभव है कि कुछ नाम छूट रहे हों। आपकी जानकारी में ऐसे शब्दशिल्पी हों तो कृप्या अविलम्ब उनकी सूचना दें अथवा उनके बारे में सचित्र विवरण भेजें। इस हेतु आखिरी तिथि 05 सितम्बर 2009 है। डाक से रचना भेजने का पता है - सम्पादक समागम, 3, जूनियर एमआईजी, द्वितीय तल, अंकुर कॉलोनी, शिवाजीनगर, भोपाल-16 या मेल कर सकते हैं e-mail: k.manojnews@gmail.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
प्रशांत किशोर कागज के फूल साबित
प्रो. मनोज कुमार बिहार इलेक्शन में प्रशांत किशोर कागज के फूल साबित हुए हैं. चुनाव परिणाम के पहले वे कह रहे थे कि उनकी पार्टी जनसुराज को 13...
-
-अनामिका कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि यह वही छत्तीसगढ़ है जहां के लोग कभी विकास के लिये तरसते थे। किसी को इस बात का यकिन दिलाना भी आस...
-
-मनोज कुमार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या मुद्रित माध्यमों का व्यवसायिकरण. इस बात में अब कोई दो राय नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या मुद्रि...
-
शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक स्वाधीनता संग्राम और महात्मा गांधी पर केन्द्रीत है. ...
Saraahneey prayaas.
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।