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शोध पत्रिका ‘समागम’ 14वें वर्ष में, समाज, संचार एवं सिनेमा पर केन्द्रित अंक जारी



भोपाल। सिनेमा एवं मीडिया पर केन्द्रित भोपाल से प्रकाशित मासिक शोध पत्रिका समागम अपने निरंतर प्रकाशन के 13 वर्ष पूर्ण कर 14वें वर्ष में प्रवेश कर गयी है। शोध पत्रिका समागम का नया अंक समाज, संचार एवं सिनेमा पर केन्द्रित है। संचार समाज का सेतु है तो सिनेमा समाज का प्रतिबिम्ब, इसी विषय को केन्द्र में रखकर समाज के विभिन्न आयामों पर अध्यापकों एवं शोधार्थियों के शोधपत्रों का प्रकाशन किया गया है। शोध पत्रिका समागम के सम्पादक श्री मनोज कुमार ने कहा कि बेहद सीमित संसाधनों में प्रतिमाह पत्रिका का प्रकाशन चुनौतीपूर्ण है किन्तु मीडिया के क्षेत्र में शोध परम्परा का अभाव दिखता है। समागम के माध्यम से कोशिश की जा रही है कि मीडिया में शोध को अधिकाधिक स्थान दिया जा सके। 

उल्लेखनीय है कि शोध पत्रिका समागम का प्रत्येक अंक विषय विशेष का अंक होता है। 2012 में जब भारतीय सिनेमा सौ वर्ष में प्रवेश कर गयी तब शोध पत्रिका समागम ने 100 पृष्ठों का विशेष अंक प्रकाशित किया था। इसके अलावा महात्मा गांधी, दलित पत्रकारिता, साहित्य पत्रकारिता के साथ ही 2013 के विधानसभा चुनावों पर विशेष अंक का प्रकाशन किया गया। 1952 से लेकर 2013 तक के चुनाव में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया गया है, साथ ही न्यूमीडिया के हस्तक्षेप को भी एक अलग दृष्टि से समझने की कोशिश की गई है। सम्पादक मनोज कुमार ने बताया कि शोध पत्रिका समागम के मार्च 2014 का अंक भारतीय रंगमंच पर केन्द्रित होगा। 

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