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मीडिया मैनेजर करेगा
मीडिया मैनजमेंट
मीडिया के विस्तार के साथ साथ आयोजकों और मीडिया के साथ तालमेल का अभाव बना हुआ है। कई बार बड़े और अच्छे आयोजनों की खबर नहीं पहुंच पाती है। आयोजक संस्थाओं को प्रोफेशनल्स की भी जरूरत है। ऐसे में मीडिया मैनेजर आयोजनों के कव्हरेज एवं प्रकाशन हेतु प्रेस रिलीज तैयार करने का काम मीडिया मैनेजर करेगी। आवश्यकता होने पर फोटोग्राफी एवं वीडियो शूटिंग भी कराया जाता है। मीडिया मैनेजर द्वारा तैयार प्रेस रिलीज स्थानीय दैनिकों के साथ प्रमुख प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनल्स, दूरदर्शन, आकाशवाणी के साथ न्यूज एजेंसी को प्रेषित किया जाता है। फिलहाल मीडिया मैनेजर का कार्यक्षेत्र भोपाल होगा। मामूली सेवाशुल्क के साथ उपरोक्त सेवाएं आपको सुलभ कराते हैं। इससे न केवल आपके विभाग का मानवश्रम बचता है और प्रोफेशनल्स की मदद भी मिलती है। इस सेवा के लिये आप चाहें तो प्रति आयोजन अथवा वार्षिक तौर पर अनुबंध किया जा सकता है। मानदेय कार्यक्रम के अनुरूप तय किया जाएगा। भोपाल में होने वाले आयोजनों के लिये मनोज कुमार से सम्पर्क किया जा सकता है। उनका मोबाइल नम्बर ०९३००४६९९१८ है। उपरोक्त जानकारी मीडिया मैनेजर की विज्ञप्ति में दी गई है।

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विकास के पथ पर अग्रसर छत्तीसगढ़

-अनामिका कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि यह वही छत्तीसगढ़ है जहां के लोग कभी विकास के लिये तरसते थे।  किसी को इस बात का यकिन दिलाना भी आसान नहीं है कि यही वह छत्तीसगढ़ है जिसने महज डेढ़ दशक के सफर में चौतरफा विकास किया है। विकास भी ऐसा जो लोकलुभावन न होकर छत्तीसगढ़ की जमीन को मजबूत करता दिखता है। एक नवम्बर सन् 2000 में जब समय करवट ले रहा था तब छत्तीसगढ़ का भाग्योदय हुआ था। साढ़े तीन दशक से अधिक समय से स्वतंत्र अस्तित्व की मांग करते छत्तीसगढ़ के लिये तारीख वरदान साबित हुआ। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य बन जाने के बाद भी कुछ विश्वास और असमंजस की स्थिति खत्म नहींं हुई थी। इस अविश्वास को तब बल मिला जब तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार नही हो सका था। कुछेक को स्वतंत्र राज्य बन जाने का अफसोस था लेकिन 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता सम्हाली और छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लू प्रिंट सामने आया तो अविश्वास का धुंध छंट गया। लोगों में हिम्मत बंधी और सरकार को जनसमर्थन मिला। इस जनसमर्थन का परिणाम यह निकला कि आज छत्तीसगढ़ अपने चौतरफा विकास के कारण देश के नक...

शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक

  शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक                                       स्वाधीनता संग्राम और महात्मा गांधी पर केन्द्रीत है.                      गांधी की बड़ी यात्रा, आंदोलन एवं मध्यप्रदेश में                                          उनका हस्तक्षेप  केन्दि्रय विषय है.

नागरिक बोध और प्रशासनिक दक्षता से सिरमौर स्वच्छ मध्यप्रदेश

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