गुरुवार, 25 दिसंबर 2025

जो बचा है, उसे ही बचा लो

 जो बचा, उसे ही बचा लो

जैसे प्रेम और प्रकृति 

जैसे पेड़, पहाड़ और नदियां 

हम सब मर जाएंगे 

तब भी बचा रहेगा यह सब

इन्हें आज ना बचा पाए तो

कहां विसर्जित होंगी

तुम्हारी अस्थि

जब नहीं होगी नदियां 

कैसे जलेंगे तुम्हारे शव

जब नहीं होंगे जंगल

कैसे आनंदित होगे

जब नहीं होंगे पहाड़

जो बचा है, उसे ही बचा लो

प्रेम और प्रकृति 

प्रो. मनोज कुमार

जो बचा है, उसे ही बचा लो

 जो बचा, उसे ही बचा लो जैसे प्रेम और प्रकृति  जैसे पेड़, पहाड़ और नदियां  हम सब मर जाएंगे  तब भी बचा रहेगा यह सब इन्हें आज ना बचा पाए तो कहा...