सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक लताजी को समर्पित


 शोध पत्रिका ‘समागम’ का नवीन अंक लताजी को समर्पित

लताजी पर कुछ लिखना सूरज को दीया दिखाने जैसा है. एक आवाज जिन्हें हम सालों से गाते रहे हैं और सदियों तक गुनगुनाते रहेंगे. दुख इस बात का है कि शोध पत्रिका ‘समागम’ अपने 22वें वर्ष का प्रथम अंक सिनेमा पर केन्द्रित कर रहा था लेकिन लताजी को समर्पित करते हुए हम मर्माहत हैं. प्रकृति के आगे हम नतमस्तक हैं. एक पुष्प के रूप में लताजी के श्रीचरणों में शोध पत्रिका ‘समागम’ का अंक समर्पित है. 

  


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