प्रियजन
गुजरते साल की हर वो
मीठी मीठी यादें बातें साथ रख लें
जो जगाती हो उम्मीद
दिलाती हो भरोसा
भूल जाएं उन यादों, बातों
और लोगों को जो देते हैं दुख
टूटती है उम्मीद
खुद को भी परख लेना
किसका तोड़ा है भरोसा
या पहुंचा है हमसे दुख
जीवन हो जाता है सरल
जैसे उम्मीद टिकी है दुनिया
भरोसे से रिश्ते और
नया साल हो
उम्मीद और भरोसे का
नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रो. मनोज कुमार
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