रविवार, 5 फ़रवरी 2023

‘समागम’ का सिनेमा उत्सव


 ‘समागम’ : 23वें वर्ष का पहला अंक

आज स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं हैं. उनकी आवाज आज हमारे साथ होने का अहसास कराती है.
समागम टोली लताजी के प्रति अपनी भावांजलि व्यक्त करता है.
भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष का जश्र मनाते हुए ‘समागम’ ने विशेष अंक का प्रकाशन किया था. अब समय है इस सौ साल के बाद गुजरे एक दशक को जानने और समझने का. कोविड-19 का हमला नहीं होता तो सिनेमा में कुछ थोड़ा-बहुत बदलाव आता लेकिन कोविड-19 ने सिनेमा की सूरत बदल दी है. टेक्रालॉजी समृद्ध हुई और सिनेमा देखना आसान लेकिन भाषा को लेकर गिरावट भी साफ देख रहे हैं. बाहुबली से पठान तक की यात्रा का लेखा-जोखा करने का विनम्र प्रयास.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

samagam seminar Jan 2025