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*घोस्टराइटर्स सर्विस: सोच आपकी, शब्द हमारे!*

*घोस्टराइटर्स सर्विस: सोच आपकी, शब्द हमारे!*
मुंबई. विश्व में घोस्टराइटर्स की भूमिका अनेक महत्वपूर्ण मौकों पर रही है! लेख, समाचार आदि लिखने से लेकर भाषण लिखने तक में घोस्टराइटर्स का योगदान उल्लेखनीय रहा है, लेकिन... इसे अब तक सार्वजनिक मान्यता नहीं मिल पाई है! इसी के मद्देनजर पीपीआई की ओर से... सोच आपकी, शब्द हमारे... धारणा पर आधारित विश्व की पहली घोस्टराइटर्स सर्विस प्रारंभ की जा रही है.
* पीपीआई के निर्देशक (कंटेंट) प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि लोगों के विचारों को वाक्यों में ढालने के इरादे से यह विचारकों के लिए विशेष सेवा है ताकि वे अपनी बात सही तरीके से लोगों तक पहुंचा सकें!
* पीपीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिमनोज ने बताया कि अच्छे विचारों को पलपलइंडियाडॉटकाम (palpalindia.com) पर भी प्रकाशित करने का प्रयास किया जाएगा.
* एक रुपया प्रति अक्षर की दर से दी जानेवाली इस सेवा के लिए शुरूआती आमंत्रण दर एक रुपया प्रति शब्द रखी गई है.
* इस सेवा में न केवल लोगों के विचारों, अनुभवों, जानकारियों पर आधारित... लेख/समाचार/रचनाएं आदि तैयार की जाएंगी बल्कि यह उन विचारक/पत्रकार/लेखक/मार्केटिंग हेड के लिए भी उपयोगी रहेगी जो ठेठ ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं. उन्हें स्टोरी आईडिया के साथ-साथ डेली कंटेंट के लिए रेफरेंस मटेरियल भी उपलब्ध करवाया जाएगा. विशेष परिशिष्ट के लिए भी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी!
* पत्रकारों और लेखकों के लिए यह अपनी तरह की पहली सेवा है. जो विचारक... लेखक बनना चाहते हैं... पत्रकार बनना चाहते हैं... और यह सेवा लेना चाहते हैं, वे संपर्क कर सकते हैं...
* व्हॉट्स एप नंबर  9772354346... ppirajasthannews@gmail.com.

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-अनामिका कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि यह वही छत्तीसगढ़ है जहां के लोग कभी विकास के लिये तरसते थे।  किसी को इस बात का यकिन दिलाना भी आसान नहीं है कि यही वह छत्तीसगढ़ है जिसने महज डेढ़ दशक के सफर में चौतरफा विकास किया है। विकास भी ऐसा जो लोकलुभावन न होकर छत्तीसगढ़ की जमीन को मजबूत करता दिखता है। एक नवम्बर सन् 2000 में जब समय करवट ले रहा था तब छत्तीसगढ़ का भाग्योदय हुआ था। साढ़े तीन दशक से अधिक समय से स्वतंत्र अस्तित्व की मांग करते छत्तीसगढ़ के लिये तारीख वरदान साबित हुआ। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य बन जाने के बाद भी कुछ विश्वास और असमंजस की स्थिति खत्म नहींं हुई थी। इस अविश्वास को तब बल मिला जब तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार नही हो सका था। कुछेक को स्वतंत्र राज्य बन जाने का अफसोस था लेकिन 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता सम्हाली और छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लू प्रिंट सामने आया तो अविश्वास का धुंध छंट गया। लोगों में हिम्मत बंधी और सरकार को जनसमर्थन मिला। इस जनसमर्थन का परिणाम यह निकला कि आज छत्तीसगढ़ अपने चौतरफा विकास के कारण देश के नक्शे

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