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मीडिया मासिक पत्रिका समागम प्रकाशन के दसवे साल में

मीडिया पर एकाग्र मासिक हिन्दी पत्रिका समागम ने अपने प्रकाशन का एक और शानदार गौरवशाली वर्ष पूर्ण कर लिया है। इसके साथ ही समागम दसवें वर्ष में प्रवेश कर गया है। समागम अपने सभी साथियों, मीडिया की वेबसाइट्स व परोक्ष, अपरोक्ष रूप से सहयोग करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में ऐसे ही सहयोग बनाये रखने की कामना करता है। भोपाल से प्रकाशित पत्रिका का समागम एक विशेष अंक फोटो पत्रकारिता पर केन्द्रीत है। इसमें मध्यप्रदेश सहित देश के वरिष्ठ फोटो पत्रकारों के बारे में जानकारी देने के साथ ही फोटो पत्रकारिता का इतिहास, वर्तमान और संभावनाओं की पड़ताल करने की कोशिश की जाएगी। साथ ही इस क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और तकनीकी पक्षों का भी समावेश किया जाएगा।
समागम का मई २०१० का अंक हिन्दी पत्रकारिता : कल और कल पर केन्द्रीत है। मई का माह पत्रकारिता के लिये विशेष महत्व का है। माह की पहली तारीख श्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है और पत्रकार भी श्रमजीवी होते हैं। पहले महत्वपूर्ण तारीख के बाद तीन मई को पत्रकारिता दिवस एवं तीस मई को प्रथम हिन्दी दैनिक उदंत मार्तण्ड के प्रकाशन की तारीख है।
आग्रह है कि जो साथी अपना लेख/संस्मरण या इससे संबंधित कोई सामग्री समागम में प्रकाशन के लिये भेजना चाहें, वे सम्पादक समागम हिन्दी मासिक द्वितीय तल, ३ जू. एमआईजी, अंकुर कॉलोनी, शिवाजीनगर के पते पर अथवा मेल त्त्.थ्र्ठ्ठददृत्र्दड्ढध्र्द्मऋढ़थ्र्ठ्ठत्थ्.ड़दृथ्र् पर भेज सकते हैं।

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-अनामिका कोई यकीन ही नहीं कर सकता कि यह वही छत्तीसगढ़ है जहां के लोग कभी विकास के लिये तरसते थे।  किसी को इस बात का यकिन दिलाना भी आसान नहीं है कि यही वह छत्तीसगढ़ है जिसने महज डेढ़ दशक के सफर में चौतरफा विकास किया है। विकास भी ऐसा जो लोकलुभावन न होकर छत्तीसगढ़ की जमीन को मजबूत करता दिखता है। एक नवम्बर सन् 2000 में जब समय करवट ले रहा था तब छत्तीसगढ़ का भाग्योदय हुआ था। साढ़े तीन दशक से अधिक समय से स्वतंत्र अस्तित्व की मांग करते छत्तीसगढ़ के लिये तारीख वरदान साबित हुआ। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य बन जाने के बाद भी कुछ विश्वास और असमंजस की स्थिति खत्म नहींं हुई थी। इस अविश्वास को तब बल मिला जब तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार नही हो सका था। कुछेक को स्वतंत्र राज्य बन जाने का अफसोस था लेकिन 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता सम्हाली और छत्तीसगढ़ के विकास का ब्लू प्रिंट सामने आया तो अविश्वास का धुंध छंट गया। लोगों में हिम्मत बंधी और सरकार को जनसमर्थन मिला। इस जनसमर्थन का परिणाम यह निकला कि आज छत्तीसगढ़ अपने चौतरफा विकास के कारण देश के नक्शे

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